1

Shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained

News Discuss 
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्। मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु। https://shivchalisas.com

Comments

    No HTML

    HTML is disabled


Who Upvoted this Story