तत् यत् काममवाप्नोति सप्तरात्रेण शंकरि। श्री बगलामुखी प्रत्यङ्गिरा देवि कवचम्: देहि द्वन्द्वं सदा जिह्वां पातु शीघ्रं वचो मम। गदाहस्ता सदा पातु मुखं मे मोक्षदायिनी। वैरि जिह्राधरा पातु कण्ठं मे बगलामुखी।। Your not too long ago viewed things and featured recommendations › Watch or edit your searching heritage Following viewing https://freeurldirectory.com/listings12652984/baglamukhi-kavach-can-be-fun-for-anyone